Shardiya Navratri 2025 Kanya Pujan Vidhi Shubh Muhurat in Hindi
Shardiya Navratri 2025 Kanya Pujan Vidhi Shubh Muhurat in Hindiनवरात्रि का पर्व: हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व माँ दुर्गा की शक्ति और भक्ति का एक महत्वपूर्ण उत्सव है। इस दौरान नौ दिनों तक माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। अष्टमी और नवमी का दिन विशेष महत्व रखता है, जब घरों में छोटी कन्याओं को आमंत्रित कर उनका पूजन किया जाता है। उन्हें स्वादिष्ट भोजन, उपहार और दक्षिणा दी जाती है, जिसे कन्या पूजन या कुमारी पूजन कहा जाता है।
कन्या पूजन की परंपरा
कन्या पूजन आमतौर पर दुर्गा अष्टमी या महानवमी को किया जाता है। कुछ लोग दोनों दिन यह पूजा करते हैं। अष्टमी को माता महागौरी और नवमी को माता सिद्धिदात्री की पूजा होती है। इस दिन 2 से 10 साल की नौ कन्याओं को घर बुलाकर उनकी पूजा की जाती है। माना जाता है कि ये कन्याएं मां दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक होती हैं। 2 साल की कन्या को कुमारी, 3 साल की को त्रिमूर्ति, 4 साल की को कल्याणी, 5 साल की को रोहिणी, 6 साल की को कालिका, 7 साल की को चंडिका, 8 साल की को शांभवी, 9 साल की को दुर्गा और 10 साल की को सुभद्रा माना जाता है। पूजा में एक छोटे लड़के को भी बुलाया जाता है जिसे भैरव बाबा का रूप माना जाता है। सबसे पहले कन्याओं के पैर धोकर तिलक और फूलों से उनका स्वागत किया जाता है। फिर उन्हें पूड़ी, चने और हलवा खिलाया जाता है। आखिर में उन्हें उपहार और दक्षिणा देकर सम्मानपूर्वक विदा किया जाता है।
कन्या पूजन से जुड़ी पौराणिक कथा
कन्या पूजन का महत्व और लाभ कन्याओं की संख्या और लाभ
कन्या पूजन का महत्त्व
कन्याएँ सृष्टि के सृजन का प्रतीक मानी जाती हैं और वे मां शक्ति का रूप हैं। शास्त्रों में बताया गया है कि दुनिया में शक्ति के नौ रूप, नौ ग्रह और नौ प्रकार की भक्ति का बहुत महत्व है। नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा, उपवास और अनुष्ठान करने से भय, विघ्न और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। माना जाता है कि देवी को हवन, जप और दान से ज्यादा प्रसन्नता तब होती है जब श्रद्धा और भक्ति भाव से कन्या पूजन किया जाए। धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि कन्या पूजन से पाप नष्ट होते हैं, देवी प्रसन्न होती हैं और जीवन में सुख, शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि आती है। यह पूजा नारी शक्ति का सम्मान भी है और इसे देवी दुर्गा की आराधना के समान माना जाता है। नवरात्रि की अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन करने से पूजा पूरी होती है और यह पर्व शुभ फल देता है। कन्याओं को भोजन, वस्त्र, खिलौने या उपहार देने से भक्त मां दुर्गा के आशीर्वाद और घर में खुशहाली की कामना करते हैं। यह पूजा आध्यात्मिक और सामाजिक दोनों दृष्टियों से लाभकारी है.
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